आवश्यकताये :

यदि देश बचाना हैं तो , संस्कृती बचानी होगी और संस्कृती को बचाना हो तो , संस्कृत सत् शास्त्रोको बचाना होगा और संस्कृत सत् शास्त्रोको बचाना हो तो , उनका अध्ययन अध्यापन अत्यंत आवश्यक हैं | क्योंकी हमारे ऋषि मुनियोने संस्कृत सत् शास्त्रोमें हमारी वैदिक संस्कृती को ग्रथित किया हैं | अतः वैदिक संस्कृती बचाने के लिये हम सभी को शास्त्रोके अध्ययन- अध्यापन करनेवाले ब्रम्हचारी , संत- महत्माओकी रक्षा करनी चाहिए | इसिलिये उनकी स्थायी रूपसे निवास व्यवस्था तथा आरोग्य सुविधा प्राप्ति हेतु संघटन कटिबध्द तथा कार्यरत हैं | आप सभी वैदिक- धर्मनिष्ठ, सनातन प्रेमी, देशभक्त, दिव्य आत्मा,श्रद्धालु भक्तगण तन - मन- धन से इस विशाल कार्य मे संघटन को सहायता करके पुण्य के भागी बने |




 
दानराशी विवरण:

: एक मास भोजन धनराशी : 1,00,000/- (एक लाख रुपये)
: एक मास अल्पाहार धनराशी : 51,000/- (इक्यावन हजार रुपये)
: पंधरा दिन भोजन धनराशी : 51,000/- (इक्यावन हजार रुपये)
: पंधरा दिन अल्पाहार धनराशी : 25,000/- (पच्चीस हजार रुपये)
: आठ दिन भोजन धनराशी : 25,000/- (पच्चीस हजार रुपये)
: आठ दिन अल्पाहार धनराशी : 15,000/- (पंधरा हजार रुपये)
: एक दिन भोजन धनराशी : 31,00/- (इकतीस सौ रुपये)
: एक दिन अल्पाहार धनराशी : 1500/- (पंधरा सौ रुपये)